कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai- जानिए विशेषताएं, परिभाषा, प्रकार 10 बड़े फायदे

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कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai- जानिए विशेषताएं, परिभाषा, प्रकार 10 बड़े फायदे

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दोस्तों इस लेख में बात करेंगे की कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai इसकी परिभाषा, प्रकार, इतिहास, भाग, महत्व तो दोस्तों जानने के लिए इस लेख कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai को पूरा पढ़ें–

अनुक्रम

कंप्यूटर क्या है (Computer Kya Hai):

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसमे कई सारे उपकरण लगे होते हैं  दोस्तों कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति कंप्यूट शब्द से हुयी है जिसका अर्थ गणना करना होता है तो दोस्तों सबसे पहले कंप्यूटर सिर्फ कैलकुलेशन करने के लिए बनाये गए थे जिस वजह से कंप्यूटर को संगणक भी कहा जाता है  दोस्तों कंप्यूटर एक स्मार्ट मशीन होती हैं जो आपके दिए गए किसी भी डाटा या इनपुट को स्वीकार करता है उसके बाद प्रोसेस करते हैं और फिर उसका रिजल्ट आपको दिखता है दोस्तों कंप्यूटर के वारे में विस्तार में जानने के लिए इस लेख कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai को पूरा पढ़ें–

कंप्यूटर की परिभाषा (Definition of Computer In Hindi):

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है जो जानकारी को गणना, संचित करने, संसाधित करने, और विभिन्न कार्यों को संपन्न करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह उपकरण हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर से मिलकर काम करता है। कंप्यूटर में प्रोसेसर, मेमोरी, स्टोरेज, इनपुट डिवाइस, और आउटपुट डिवाइस शामिल होते हैं, जो सॉफ़्टवेयर के साथ मिलकर विभिन्न कार्यों को संपन्न करते हैं। यह सामर्थ्यशाली और विविध उपकरण विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग होता है, जैसे कि व्यक्तिगत उपयोग, व्यावसायिक कार्य, शैक्षिक उद्देश्यों के लिए और वैज्ञानिक अनुसंधान में। कंप्यूटर ने मानव जीवन को सुगमता और सुविधा में वृद्धि दी है और विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से विकास किया है।तो दोस्तों जानने के लिए इस लेख कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai को पूरा पढ़ें

कंप्यूटर का हिंदी में अर्थ (Computer Meaning In Hindi):

दोस्तों कंप्यूटर शब्द की उत्पत्ति कंप्यूट शब्द से हुयी है जिसका अर्थ गणना करना होता है, इसी लिए कंप्यूटर को संगणक भी कहा जाता है

कंप्यूटर का अविष्कार किसने किया था  (Who invented the computer):

कंप्यूटर के विकास में कई वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं का योगदान रहा है। इसके लिए कुछ महत्त्वपूर्ण नाम हैं जैसे कि चार्ल्स बैबेज, जो एक मैकेनिकल कंप्यूटर के प्रस्तावित निर्माण की योजना बनाई थी, और उनकी सहायक अडा लोवलेस जिन्होंने योजना में सहायता की थी। फिर वाण न्यूमैन, जिन्होंने कंप्यूटर की एक नई शैली का निर्माण किया था जिसे “वाण न्यूमैन आर्किटेक्चर” कहा जाता है। इसके बाद अन्य वैज्ञानिकों ने भी इस तकनीकी उपकरण के विकास में अहम योगदान दिया है।

यह भी पढ़ें – कंप्यूटर में पासवर्ड कैसे लगाये 

कंप्यूटर का पूरा नाम   (Computer Full Form):

दोस्तों वेसे तो कंप्यूटर की आपको बहुत सी फुल फॉर्म मिल जाएँगी लेकिन जो प्रचलित फुल फॉर्म है को कुछ इस तरह है तो दोस्तों जानने के लिए इस लेख कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai को पूरा पढ़ें

  • C – Commonly
  • O- Operated
  • M – Machine
  • P – Particularly
  • U – Used for
  • T – Technical
  • E – Educational
  • R – Research

Computer Full-Form – Commonly Operated Machine Particularly Used For Technology And Educational Research.

 

कंप्यूटर की पीढियां  (Generation Of Computer):

दोस्तों सबसे पहले जो कंप्यूटर बने थे बो साइज़ में काफी हद तक बहुत बड़े हुआ करते थे जैसे जैसे कंप्यूटर की नयी नयी पीढियां आती गए वेसे वेसे कंप्यूटर बहुत छोटे छोटे होते गए और आज इतने छोटे हो गए है की जिन्हें आप अपने घर में अपनी एक छोटी सी टेबल पर स्थापित कर सकते हैं तो दोस्तों जानते है की जो कंप्यूटर इतने बड़े हुआ करते थे बो आज इतने छोटे कैसे हो गए और यह लोगो की सबसे बड़ी जरुरत कैसे बन गए कंप्यूटर की पीढियां क्यच इस तरह हैं तो दोस्तों जानने के लिए इस लेख कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai को पूरा पढ़ें

कंप्यूटर की पहली पीढ़ी (First Generation Of Computer):

दोस्तों कंप्यूटर की पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों की शुरुआत 1951 के दशक में युनिवेक(Univac I) के साथ हुआ था इसमें वैक्यूम ट्यूब्स  का इस्तेमाल हुआ था और इनकी मेमोरी तरल पारे और विधुतीय ड्रम्स की पतली नली से  निर्मित की गयी थी

कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी (Second Generation Of Computer):

दोस्तों 1950 के दशक के अंत में दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में वैक्यूम ट्यूब्स की जगह पर ट्रांजिस्टरों ने लेली औरमेमोरी ( IBM 1401, Honeywell 800) के लिए मैग्नेटिक कोर का निर्माण होने लगा कंप्यूटर का आकार छोटा हो गया और विश्वसनीयता भी बड गयी

कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी (Third Generation Of Computer):

दोस्तों तीसरी पीढ़ी एक कंप्यूटरों की शुरुआत 1960 के दसक के मध्य में हुयी  इसमें पहली बार इंटिग्रेटिड सर्किट्स (IBM 360, CDC 6400) और ऑपरटिंग सिस्टम का इस्तेमाल हुआ, इनमे ऑनलाइन सिस्टम का बड़े पैमाने पर विकास हुआ, इस समय के कंप्यूटरों में पंचड कार्डस और विधुतीय टेप्स लका इस्तेमाल कर बैच पर आधारित प्रोसेसिंग हुआ करती थी

कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी (Forth Generation Of Computer):

दोस्तों चौथी पीढ़ी की शुरुआत 1970 के दशक के मध्य में हुयी थी इस समय पर कंप्यूटरों को बनाने में चिप का इस्तेमाल होने लगा जिसके चलते छोटे प्रोसेसर्स (माइक्रोप्रोसेसर्स) और निजी कंप्यूटर (पर्सनल कंप्यूटर ) अस्तित्व में आये इस समय के कंप्यूटरों में डिस्ट्रीब्युटेड प्रोसेसिंग और ऑफिस ऑटोमेशन की शुरुआत हुयी इस दौरान क्यूरी भाषाओ, रिपोर्ट राइटर्स और स्प्रेडशीट्स की वजह से काफी सख्या में लोग कंप्यूटर से जुड़े

कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी (Fifth Generation Of Computer):

दोस्तों पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटरों में कंप्यूटिंग के कई  बेहतरीन तरीके जिसमे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसऔर ट्रू डिस्ट्रीब्यूटेड प्रोसेसिंग को शामिल किया

भारत में कंप्यूटर का इतिहास (History Of Computer in Bharat):

दोस्तों सन, 1952 में Dr.Dwijish Dutta द्वारा कोलकाता में स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान के अन्दर भारत का सबसे पहला कंप्यूटर लाया गया था जो की एक एनालोंग कंप्यूटर था इसके बाद दूसरा computer कर्नाटक राज्य के बेंगलूर सिटी में स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान में लगाया गया था।

भारत में बने सुपर कंप्यूटर (Super computer made in Bharat hindi)

भारत में बने कुछ  सुपर कंप्यूटर निम्नलिखित हैं तो दोस्तों जानने के लिए इस लेख कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai को पूरा पढ़ें

  • प्रत्युष
  • सागा 220
  • परम युवा II
  • आदित्य
  • अनुपम अध्या
  • परम इशान
  • परम – सिद्धि
  • एका

 

कंप्यूटर काम कैसे करता है  (How Does Computer Work In Hindi):

कंप्यूटर एक संचार की भाषा में काम करता है, जो कि विभिन्न प्रकार के इंपुट को प्रोसेस करके आउटपुट प्रदान करता है। यह काम हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर के मिलान से होता है।सरल भाषा में संभी तो दोस्तों कंप्यूटर आपके दिए गए किसी भी डाटा या इनपुट को स्वीकार करता है उसके बाद प्रोसेस करता है और फिर उसका रिजल्ट आपको ओउटपुट में दिखता है तो दोस्तों जानने के लिए इस लेख कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai को पूरा पढ़ें

  • इंपुट: प्रोसेस की शुरुआत इंपुट से होती है, जैसे की कुंजीपटल, माउस, टचस्क्रीन या अन्य उपकरण।
  • प्रोसेसिंग: इंपुट को प्रोसेस करने के लिए कंप्यूटर के अंदर का प्रोसेसर उपयोग किया जाता है, जो डेटा को गणना करता है और इसे संसाधित करता है।
  • स्टोरेज: संसाधित डेटा को स्टोर करने के लिए मेमोरी या स्टोरेज डिवाइस का उपयोग होता है, ताकि इसे बाद में उपयोग किया जा सके।
  • आउटपुट: संसाधित डेटा को उपयोगकर्ता को प्रदर्शित करने के लिए आउटपुट डिवाइस का उपयोग होता है, जैसे कि मॉनिटर, प्रिंटर, या स्पीकर।

तो दोस्तों कंप्यूटर कुछ इस तरह से काम करता है

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कंप्यूटर के प्रकार (Type of Computer In Hindi):

कंप्यूटर कई प्रकार के होते हैं जो अलग-अलग उपयोग और क्षेत्रों में इस्तेमाल होते हैं। तो दोस्तों जानने के लिए इस लेख कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai को पूरा पढ़ें

सर्वर (Server):

सर्वर कंप्यूटर एक विशेष प्रकार का कंप्यूटर होता है जो नेटवर्क में डेटा और संसाधित जानकारी को संचालित करता है। यह अन्य कंप्यूटरों या उपयोगकर्ताओं को सेवाएं प्रदान करता है और उनकी मांगों को पूरा करने में मदद करता है। सर्वर कंप्यूटर समूह नेटवर्क, डाटाबेस, ईमेल, वेब होस्टिंग, और अन्य सेवाओं के लिए उपयोग होता है। यह अधिक बेहतर संचालन, सुरक्षा और संसाधनों को संचालित करने में मदद करता है और बड़े स्तर पर डेटा संग्रहण करता है।

एनालोग कंप्यूटर (Analog Computer):

एनालॉग कंप्यूटर एक प्रकार का कंप्यूटर होता है जो संख्यात्मक जानकारी को निर्देशित करने के लिए विद्युत प्रवाह या अन्य तरीकों में असंगति का इस्तेमाल करता है। यह निश्चित समय अंतराल में विभिन्न माप या तार्किक कार्यों को संपन्न करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये कंप्यूटर जलवायु, अंतरिक्ष, अनुभव और प्रौद्योगिकी में इस्तेमाल होते हैं। इनका उपयोग विशेष कार्यों में सुरक्षित जानकारी प्राप्त करने, और अनुकूलित कार्यों को पूरा करने के लिए होता है।

अंकीय कंप्यूटर (Digital Computer):

डिजिटल कंप्यूटर एक प्रकार का कंप्यूटर है जो संख्यात्मक डेटा को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रसंस्करण करता है। यह बाइनरी सिस्टम का उपयोग करता है जिसमें डेटा 0 और 1 के रूप में होता है। ये कंप्यूटर गणितीय और लॉजिकल कार्यों को पूरा करने में महान सक्षम होते हैं और विभिन्न क्षेत्रों में इस्तेमाल होते हैं। डिजिटल कंप्यूटरों के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे पर्सनल कंप्यूटर, सर्वर, और सुपरकंप्यूटर, जो विभिन्न उद्देश्यों के लिए बनाए गए होते हैं। ये व्यापार, विज्ञान, शिक्षा, और व्यक्तिगत उपयोग के लिए उपयुक्त होते हैं।

सुपर कंप्यूटर (Super Computer):

सुपरकंप्यूटर एक शक्तिशाली और उच्च क्षमता वाला कंप्यूटर है जो अत्यधिक गति और बड़े डेटा सेट्स को प्रोसेस करने की क्षमता रखता है। ये अनुसंधान, वैज्ञानिक प्रक्रियाएं, और उच्च स्तरीय गणना कार्यों के लिए उपयोग होते हैं। सुपरकंप्यूटर विशेष रूप से अनुसंधान कार्यों, मॉडलिंग, अध्ययनों, और महत्त्वपूर्ण गणनाओं के लिए प्रयोग किए जाते हैं, जिनमें महत्त्वपूर्ण संख्यात्मक गणना या अत्यधिक डेटा प्रसंस्करण शामिल होता है। ये कंप्यूटर विशेष शक्तिशाली और व्यावसायिकता के लिए डिज़ाइन किए गए होते हैं।

लैपटॉप (Laptop):

लैपटॉप एक पोर्टेबल कंप्यूटर है जो व्यक्तिगत और पेशेवर उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सुविधाजनक होता है और इसे आसानी से यात्रा के दौरान उपयोग किया जा सकता है। लैपटॉप्स में स्क्रीन, कीबोर्ड, टचपैड या माउस, और बैटरी होती है। ये विभिन्न कार्यों जैसे कि वेब ब्राउज़िंग, ईमेल, वर्क, गेमिंग, और मल्टीमीडिया एप्लिकेशन्स के लिए उपयोग होते हैं। लैपटॉप्स अलग-अलग कंपनियों द्वारा विकसित किए जाते हैं और विभिन्न क्षमताओं और फ़ंक्शन्स के साथ आते हैं।

हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer):

हाइब्रिड कंप्यूटर एक ऐसा कंप्यूटर है जो डिजिटल और एनालॉग तकनीकों का संयोजन करता है। यह कंप्यूटर विभिन्न प्रकार के कामों में प्रयोग होता है जैसे की वैज्ञानिक अनुसंधान, अंतरिक्ष और मौसम अनुसंधान, और प्रौद्योगिकी में। इसके डिजिटल और एनालॉग प्रोसेसिंग क्षमताओं के संयोजन से, यह बेहतर तेजी, सुगमता और सटीकता प्रदान करता है। ये कंप्यूटर वैज्ञानिक अनुसंधान, जेनेटिक्स, अस्त्रोनॉमी, और अन्य क्षेत्रों में उपयोग होते हैं जहाँ डिजिटल और एनालॉग प्रोसेसिंग दोनों की आवश्यकता होती है।

डेस्कटॉप (Desktop):

डेस्कटॉप कंप्यूटर एक स्थायी कंप्यूटर होता है जो एक स्थायी स्थान पर रखा जाता है और इस्तेमाल के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें विभिन्न प्रकार के हार्डवेयर सम्मिलित होते हैं जैसे की स्क्रीन, कीबोर्ड, माउस, स्पीकर्स और केस. यह कंप्यूटर गृह, व्यावसायिक उपयोग, शिक्षा, गेमिंग, और मल्टीमीडिया कार्यों के लिए उपयोग होता है। इसकी महत्ता विभिन्न क्षेत्रों में होती है जो उपयोगकर्ताओं को स्थायी कंप्यूटिंग अनुभव प्रदान करता है।

मेनफ्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer):

मेनफ्रेम कंप्यूटर एक विशेष प्रकार का कंप्यूटर है जो बड़े स्तर पर काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये कंप्यूटर बड़े डेटा प्रोसेसिंग और स्टोरेज के लिए प्रयोग होते हैं, जैसे बैंकिंग, विमानन, और सरकारी संगठनों में। इनका उपयोग विभिन्न कार्यों में होता है, जहाँ बड़ी मात्रा में डेटा को संसाधित करने की आवश्यकता होती है। मेनफ्रेम कंप्यूटर सुरक्षित और तेजी से काम करते हैं और अनेक उपयोगकर्ताओं को एक साथ संचालित कर सकते हैं। इनमें बड़ी स्थायी स्टोरेज और प्रोसेसिंग क्षमता होती है।

माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer):

माइक्रो कंप्यूटर छोटे आकार और क्षमता वाले होते हैं और अक्सर व्यक्तिगत उपयोग के लिए बनाए जाते हैं। ये कंप्यूटर्स आमतौर पर डेस्क्टॉप, लैपटॉप या टैबलेट के रूप में होते हैं। माइक्रो कंप्यूटर्स आमतौर पर कुशलता, स्पीड और प्रदर्शन में छोटे होते हैं लेकिन वे व्यक्तिगत उपयोग के लिए उत्तम होते हैं, जैसे कि घरेलू उपयोग, शिक्षा, और कार्यालय कार्य। ये कंप्यूटर्स गेमिंग, मल्टीमीडिया, और अन्य सामान्य कार्यों के लिए भी उपयोगी होते हैं।

मिनी कंप्यूटर (Mini Computer):

मिनी कंप्यूटर छोटे आकार और संबलप्रीत कंप्यूटर होते हैं जो कम जगह लेते हैं और कम ऊर्जा खपत करते हैं। ये कंप्यूटर व्यापारिक उपयोग के लिए बनाए गए होते हैं और विभिन्न कार्यों में उपयोग होते हैं, जैसे कि डेटा प्रोसेसिंग, सर्वर कंप्यूटिंग, या औद्योगिक नियंत्रण। इनमें कम आकार के बावजूद प्रदर्शन की अच्छी क्षमता होती है और वे प्रौद्योगिकी में छोटे-बड़े कामों के लिए इडियल होते हैं। तो दोस्तों ये हैं कुछ मुख्य प्रकार के कंप्यूटर, जो अलग-अलग उद्देश्यों के लिए बनाए गए हैं।

कंप्यूटर के भाग  (Part of Computer In Hindi):

दोस्तों कंप्यूटर दो भाग होते हैं जो हैं हार्डवेयर और सॉफ्टवेर दोस्तों यही दो भाग होते हैं इनके अंदर कुछ उपकरण आते हैं कुछ इस प्रकार है तो दोस्तों जानने के लिए इस लेख कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai को पूरा पढ़ें

हार्डवेयर (Hardware):

हार्डवेयर कंप्यूटर का वह भाग होता है जो नकली और अव्यावसायिक रूप से छू सकते हैं। ये उन भागों को सम्मिलित करते हैं जो फिजिकल रूप से मौजूद होते हैं, जैसे की कंप्यूटर की स्क्रीन, कीबोर्ड, माउस, प्रिंटर, मद, एवं प्रोसेसिंग यूनिट। हार्डवेयर कंप्यूटर के तरीके के अनुसार विभाजित होते हैं, और वे उपयोगकर्ता को सॉफ्टवेयर के साथ कंप्यूटर प्रयोग करने की सुविधा प्रदान करते हैं।तो दोस्तों जानने के लिए इस लेख कंप्यूटर क्या है –Computer Kya Hai को पूरा पढ़ें हार्डवेयर में आने वाले उपकरण निम्नलिखित हैं

सीपीयू (CPU):

सीपीयू (Central Processing Unit) कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जो डेटा को प्रोसेस करने और कंप्यूटर के सभी कार्यों को संचालित करने के लिए जिम्मेदार होता है। CPU को कंप्यूटर का मस्तिष्क भी कहा जाता है, क्योंकि यह सभी कार्यों को नियंत्रित करता है और उन्हें संपादित करता है।

मदरबोर्ड (Motherboard):

मदरबोर्ड कंप्यूटर का एक मुख्य भाग होता है, जो सभी प्रमुख कंप्यूटर कंपोनेंट्स को जोड़ने और इन्टरकनेक्ट करने के लिए इस्तेमाल होता है। यह एक बोर्ड होता है जो कंप्यूटर की सभी सरकिट्री और कनेक्शन्स को संचालित करता है और उन्हें सम्मिलित करता है ताकि कंप्यूटर सही तरीके से काम कर सके।

मेमोरी (Memory):

मेमोरी कंप्यूटर का एक अहम हिस्सा होती है, जो डेटा और जानकारी को संचित करने और उसे प्रोसेस करने में मदद करती है। यह डेटा को स्थायी रूप से या तात्कालिक रूप से संचित कर सकती है ताकि कंप्यूटर उसे उपयोग कर सके, आम तौर पर कंप्यूटर में दो प्रकार की मेमोरी होती हैं . Primary Memory और Secondary Memory.

प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory):

यह कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी होती है और यह सीपीयू से सीधे जुड़ी रहती है। यहाँ दो प्रकार की होती है।

  • रैम- रैंडम एक्सेस मेमोरी (RAM- Random Access Memory): – रैम एक अस्थायी मेमोरी है जिसमें डेटा अस्थायी रूप से स्टोर होता है। कंप्यूटर के सभी सॉफ़्टवेयर रैम मेमोरी में ही चलते हैं। जब पावर सप्लाई बंद होती है, तो इसमें स्टोर किया गया सभी डेटा हट जाता है।
  • रोम- रीड ओनली मेमोरी (ROM- Read Only Memory): रोम कंप्यूटर की स्थायी मेमोरी होती है, जिसमें डेटा स्थायी रूप से स्टोर होता है। रोम में स्टोर डेटा को बदला नहीं जा सकता है और यह डेटा निर्माता कंपनी द्वारा तय किया गया रहता है। पावर सप्लाई बंद होने के बाद भी इसमें संग्रहित डेटा सुरक्षित रहता है।
सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory):

सेकेंडरी मेमोरी का मतलब होता है वह मेमोरी जो कंप्यूटर में  प्राथमिक मेमोरी के बाद आती है। यह मेमोरी जानकारी को स्थायी रूप से संग्रहित करती है और इसे स्थानांतरित करती है। हार्ड डिस्क, सीडी, डीवीडी, ब्लू-रे डिस्क, फ्लैश ड्राइव और उसके समान डिवाइसेस सेकेंडरी मेमोरी के उदाहरण हो सकते हैं। इनमें डाटा दोबारा और बार-बार एक्सेस किया जा सकता है जबकि प्राथमिक मेमोरी फास्ट एक्सेस के लिए उपयुक्त होती है।

इनपुट डिवाइस  (Input  Device):

इनपुट डिवाइस कंप्यूटर में जानकारी और आदेश देने के लिए उपयोग होते हैं। ये कीबोर्ड, माउस, टचस्क्रीन, वैबकैम, माइक्रोफोन आदि शामिल हो सकते हैं।

कीबोर्ड (Keyboard):

कीबोर्ड को हिंदी में ‘कुंजीपटल’ कहा जाता है, यह एक उपकरण है जो कंप्यूटर को टेक्स्ट और अन्य आदान-प्रदान के लिए उपयोग होता है। इससे हम टाइपिंग के माध्यम से कंप्यूटर को निर्देश देते हैं।

माउस (Mouse):

माउस का उपयोग करके हम कंप्यूटर में कर्सर को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जा सकते हैं और साथ ही ग्राफ़िक्स के द्वारा कंप्यूटर को निर्देश देने के लिए माउस का उपयोग होता है।

टच स्क्रीन(Touch Screen):

टच स्क्रीन एक इनपुट डिवाइस है जिसमें यूजर अपनी उंगलियों को कंप्यूटर में रखकर इस्तेमाल करते हैं। यह उपकरण हमें कंप्यूटर को निर्देश देने के लिए मदद करता है।

आउटपुट डिवाइस  (Output  Device):

आउटपुट डिवाइस कंप्यूटर का एक हिस्सा होता है जो कंप्यूटर से जानकारी, डेटा या आउटपुट को प्रदर्शित करने में मदद करता है। इसमें मॉनिटर, प्रिंटर, स्पीकर जैसी उपकरण शामिल हो सकते हैं जो हमें कंप्यूटर से निकलने वाली जानकारी को दिखाते हैं या सुनाते हैं।

मॉनिटर (Monitor):

विजुअल डिस्प्ले यूनिट (VDU) भी कहा जाता है, यह कंप्यूटर के द्वारा प्राप्त परिणामों को सॉफ्ट कॉपी में प्रदर्शित करता है।

स्पीकर (Speaker):

स्पीकर कंप्यूटर द्वारा प्राप्त परिणामों को आवाज़ के रूप में सुनाता है।

प्रिंटर (Printer):

प्रिंटर का प्रयोग कंप्यूटर से प्राप्त डेटा को कागज़ पर प्रिंट करने के लिए किया जाता है।

 

सॉफ्टवेर (Software):

सॉफ्टवेयर कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह कंप्यूटर को काम करने के लिए निर्देशित करता है और उपयोगकर्ता को कंप्यूटर में काम करने की सुविधा प्रदान करता है। सॉफ्टवेयर को हम देख सकते और छू सकते, बिना Software के कंप्यूटर मात्र एक लोहे का बॉक्स है. तो दोस्तों जानने के लिए इस लेख कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai को पूरा पढ़ें

सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software):

यह सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर को चलाने और नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके चार प्रकार होते हैं।

ऑपरेटिंग सिस्टम (Oprating System):

यह एक प्रकार का कंप्यूटर प्रोग्राम होता है जो यूजर और कंप्यूटर के बीच संवाद स्थापित करता है। यह कंप्यूटर को यूजर के द्वारा दिए गए निर्देशों को समझाकर काम करने में सहायता प्रदान करता है। इसमें विंडोज, एंड्रॉयड, आईओएस, और लिनक्स जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम्स शामिल होते हैं।

उपयोगिता प्रोग्राम (Utility Program):

ये सॉफ़्टवेयर हैं जो कंप्यूटर की सुरक्षा में सहायता प्रदान करते हैं। इनका सीधा कोई जुड़ाव हार्डवेयर से नहीं होता। उदाहरण – एंटीवायरस।

कंप्यूटर ड्राइवर (Computer Driver ):

ये विशेष प्रकार के ड्राइवर होते हैं जो कंप्यूटर से इनपुट और आउटपुट उपकरणों को जोड़ने का काम करते हैं।

 

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software):

एप्लिकेशन सॉफ़्टवेयर वह सॉफ़्टवेयर है जो उपयोगकर्ताओं को किसी विशेष काम को करने में मदद करता है, जैसे कि वर्ड प्रोसेसिंग, डाटा एंट्री, वेब ब्राउज़िंग, गेमिंग, इत्यादि।

वर्ड प्रोसेसिंग (Word Processing):

वर्ड प्रोसेसिंग एक सॉफ्टवेयर है जो दस्तावेज़ों को बनाने और संपादित करने में मदद करता है

वेब ब्राउज़र (Web Browser):

वेब ब्राउज़र सॉफ्टवेयर वेब पर सर्फ़ करने के लिए उपयोग होता है। यह वेबसाइट्स को खोलने और उनकी सामग्री को देखने में मदद करता है।

गेम्स(Games):

गेम्स सॉफ्टवेयर रोचक कहानियों और जोशीली गेमप्ले से भरे होते हैं।

यह भी पढ़ें -कंप्यूटर में फोल्डर को कैसे छुपायें 

कंप्यूटर की विशेषताएँ  (Feature of Computer In Hindi):

दोस्तों कंप्यूटर की कई महत्वपूर्ण विशेषताएँ होती हैं। इनमें से कुछ मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं: तो दोस्तों जानने के लिए इस लेख कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai को पूरा पढ़ें

  1. संचार शक्ति:कंप्यूटर संचार की शक्ति रखता है, जिससे वह अन्य कंप्यूटरों और उपकरणों के साथ जुड़ सकता है।
  2. स्मार्टता:कंप्यूटर स्वयं कार्य करने और निर्णय लेने की क्षमता रखता है, जिससे वह अपने नियमित कार्यों को संपादित कर सकता है।
  3. संग्रहण शक्ति:कंप्यूटर बड़ी मात्रा में डेटा और जानकारी को संग्रहित कर सकता है और इसे सुरक्षित रख सकता है।
  4. गति:कंप्यूटर बहुत तेजी से जानकारी प्रसंस्करण कर सकता है और उपयोगकर्ता को त्वरित परिणाम प्रदान कर सकता है।
  5. संगठन शक्ति:कंप्यूटर विभिन्न प्रकार की जानकारी को संगठित और व्यवस्थित तरीके से प्रस्तुत कर सकता है।
  6. सहजता:आजकल के कंप्यूटर बहुत ही उपयोगकर्ता सहायक होते हैं, जो उपयोगकर्ताओं को अनुकूल और सहज तरीके से काम करने में मदद करते हैं।

तो दोस्तों ये हैं कुछ विशेषताएँ जो कंप्यूटर को एक शक्तिशाली और उपयोगी उपकरण बनाती हैं।

कंप्यूटर के उपयोग (Uses of Computer In Hindi)

कंप्यूटर ने हमारे जीवन को बहुत बदल दिया है। यह हमें सरलता से काम करने की सुविधा देता है और हर क्षेत्र में उपयोग हो रहा है। तो दोस्तों जानने के लिए इस लेख कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai को पूरा पढ़ें

  1. शिक्षा के क्षेत्र में – शिक्षा में कंप्यूटर का उपयोग शिक्षार्थियों को विशेषज्ञता प्राप्ति में मदद करता है। यह शिक्षकों को सहायक और संवेदनशील बनाता है, पाठ्यक्रम को समृद्ध और रोचक बनाता है। जैसे – रिपोर्ट बनाना, ऑनलाइन Exam करवाना.
  2. बैंकिंग के क्षेत्र में – बैंकिंग में कंप्यूटर का उपयोग वित्तीय सौजन्य, खाता प्रबंधन, ऑनलाइन लेन-देन, सुरक्षा, और रिपोर्टिंग में किया जाता है। सिस्टम ने सेवाएं सुगम और तेज बनाई हैं।
  3. चिकित्सका के क्षेत्र में- चिकित्सा क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग नवीनतम तकनीकी ज्ञान और व्यावसायिक सेवाओं को सुगम बनाता है। इससे रोगी की देखभाल में सुधार होती है।.
  4. विज्ञान के क्षेत्र में – विज्ञान में कंप्यूटर का उपयोग विशेषज्ञता, गणना, अनुसंधान, सिमुलेशन, डेटा विश्लेषण, तथा विज्ञानीय प्रगति में सहायक होता है। कंप्यूटर ने वैज्ञानिक अनुसंधान में नई दिशाएँ खोली हैं।
  5. ऑफिस के क्षेत्र में-  ऑफिस क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग कार्य को आसान बनाता है। संदर्भ, संचार, डेटा संग्रहण, और कार्य की गति में मदद करता है।
  6. दैनिक जीवन में- कंप्यूटर ने दैनिक जीवन को सरल और सुविधाजनक बना दिया है। कार्यों में तेजी, संपर्क में आसानी, जानकारी का अभ्यास हो रहा है।
  7. मनोरंजन में – कंप्यूटर मनोरंजन में व्यावसायिक और व्यक्तिगत दोनों रूपों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गेमिंग, सोशल मीडिया, फिल्में, संगीत और वीडियो संपादन आदि में कंप्यूटर का प्रयोग होता है।
  8.  रक्षा और सैन्य के क्षेत्र में – रक्षा और सैन्य क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग विशेष योगदान देता है। यह सुरक्षा, संचार, गणना और रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  9. सरकारी कार्यालयों में – सरकारी कार्यालयों में कंप्यूटर का उपयोग आवश्यक है। यह सुगमता प्रदान करता है, जनता को सेवा में तेजी और सुरक्षा सुनिश्चित करता है
  10.  व्यापार में – व्यापार में कंप्यूटर का उपयोग सरलीकृत करता है। यह संचार, लेन-देन, और डेटा संग्रहण को सुगम बनाता है। समय और वित्त दोनों को कम करता है। तो दोस्तों ये हैं कुछ विशेषताएँ जो कंप्यूटर को एक शक्तिशाली और उपयोगी उपकरण बनाती हैं।

कंप्यूटर का महत्व  (Importance of Computer In Hindi):

कंप्यूटर आजकल हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। यह ज्ञान, संचार और कार्य को सुगम बनाता है। संक्षेप में, यह विश्वासुंदर समस्याओं का समाधान करने में मदद करता है और नई तकनीकी उत्पादों का निर्माण करता है। इसके बिना आधुनिक जीवन असंभव हो जाता। तो दोस्तों जानने के लिए इस लेख कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai को पूरा पढ़ें

छात्रों के जीवन में कंप्यूटर का महत्व:

आजकल, छात्रों के जीवन में कंप्यूटर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह उन्हें शिक्षा, संसाधनों और जानकारी का सहारा प्रदान करता है। छात्र विभिन्न विषयों में अध्ययन करते हैं और इससे उनकी जानकारी और उनका विचारधारा विस्तार से विकसित होता है। कंप्यूटर सीखने को रोचक और सरल बनाता है।

शिक्षा में कंप्यूटर का महत्व:

शिक्षा में कंप्यूटर का महत्व अत्यधिक है। कंप्यूटर शिक्षा में नई दिशाएँ खोलता है, स्टूडेंट्स को विशेषज्ञता प्राप्त करने में मदद करता है। इससे शिक्षा का अध्ययन और समझना सरल होता है। कंप्यूटर सीखने में बच्चों की रुचि भी बढ़ती है और उन्हें नवीनतम तकनीकी ज्ञान प्राप्त होता है।

चिकित्सा के क्षेत्र में कंप्यूटर का महत्व:

चिकित्सा के क्षेत्र में कंप्यूटर ने नए दरवाजे खोले हैं। यह सहायता प्रदान करता है रोगों के निदान में, उपचार में और डेटा संग्रहण में। डिजिटलीकरण ने संभावनाओं का समावेश किया है, जिससे उपचार की गुणवत्ता में सुधार हुई है। कंप्यूटर द्वारा विशेषज्ञों को सहायता मिलती है, जिससे चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाया जा सकता है।

आधुनिक जीवन में कंप्यूटर का महत्व:

कंप्यूटर ने आधुनिक जीवन को नई दिशा दी है। इसने संचार, शिक्षा, और कार्य में बदलाव लाया है। कंप्यूटर से लोग विश्वासी, तेज, और सहजता से काम करते हैं। इससे ज्ञान का संचार भी सरल हो गया है।

बैंको में कंप्यूटर का महत्व-

आधुनिक युग में बैंकों में कंप्यूटर का महत्व अत्यंत अहम है। कंप्यूटर सिस्टम ने बैंकिंग को सुरक्षित, तेज और अनुकूल बनाया है। इससे लेन-देन, खाता प्रबंधन और रिकॉर्ड सुव्यवस्थित हो जाते हैं। डिजिटलीकरण ने ग्राहकों को सुविधाएं और सेवाएं प्रदान करने में भी मदद की है।

कंप्यूटर के फायदे (Advantage of Computer In Hindi):

तो दोस्तों जानने के लिए इस लेख कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai को पूरा पढ़ें

  1. संचार माध्यम: कंप्यूटर से हम अन्य लोगों से आसानी से जुड़ सकते हैं वो भी विभिन्न साधनों के माध्यम से।
  2.  जानकारी एवं डेटा संग्रहण: यह जानकारी और डेटा को संग्रहित करने में मदद करता है, जो बाद में उपयोगी होता है।
  3. कार्य सरलीकृती: सॉफ़्टवेयर और एप्लिकेशन से कार्यों को आसान बनाता है जैसे कि ऑनलाइन शॉपिंग, बैंकिंग, और व्यापारिक कार्य।
  4. शिक्षा में उपयोग: ऑनलाइन शिक्षा और संसाधनों का उपयोग करके शिक्षा को सुगम बनाता है।
  5. स्वास्थ्य सेवाएं: चिकित्सा में भी इसका उपयोग होता है, जैसे कि डिजिटल रिकॉर्ड्स, वीडियो कॉल के माध्यम से चिकित्सा सलाह।
  6. उद्योगिकरण: कारोबार और उद्योग में कंप्यूटर का उपयोग कार्य प्रक्रिया को तेजी से और अधिक अनुकूल बनाने में मदद करता है।
  7. रोज़गार के अवसर: यह नई रोज़गार के अवसर पैदा करता है, जैसे कि वेब डेवलपर, डिजाइनर, और डेटा एनालिस्ट।
  8.  संगठन और प्रबंधन: संगठनों में इसका उपयोग व्यवस्था और प्रबंधन को सुगम बनाता है।
  9. सुरक्षा: डेटा और जानकारी की सुरक्षा के लिए कंप्यूटर बहुत महत्त्वपूर्ण होता है।
  10. सोशल जीवन: कंप्यूटर सोशल मीडिया के माध्यम से हमें दुनिया भर के लोगों से जोड़ता है और एकसाथ रहते हैं।

कंप्यूटर के नुकसान (Advantage of Computer In Hindi):

कंप्यूटर के उपयोग में कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। यहाँ कुछ मुख्य नुकसानों की बातें हैं तो दोस्तों जानने के लिए इस लेख कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai i को पूरा पढ़ें

  1. सेवा बाधाएं: कंप्यूटर के खराब हो जाने या सिस्टम क्रैश होने पर सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं और काम ठप हो सकता है।
  2. सुरक्षा संबंधित धोखाधड़ी: अनैतिक तत्वों के द्वारा कंप्यूटर हैक किया जा सकता है, जिससे व्यक्तिगत जानकारी चोरी हो सकती है।
  3. स्वास्थ्य संबंधित चिंताएँ: लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करने से आँखों में तनाव या दर्द हो सकता है।
  4. तकनीकी समस्याएं: हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर में खराबी होने पर उपयोगकर्ता को तकनीकी समस्याएं आ सकती हैं जो समस्या को हल करने में समय ले सकती हैं।
  5. सोशल दूरी: बड़ी हद तक कंप्यूटर का उपयोग सोशल दूरी बढ़ा सकता है और अन्य सामाजिक संवादों से दूरी बढ़ा सकता है।
  6. अनुचित सामग्री का पहुंच: इंटरनेट के द्वारा अनुचित सामग्री तक पहुंच हो सकती है जो बच्चों या युवाओं को नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
  7.  डिजिटल विभाजन: कंप्यूटर का उपयोग अक्सर डिजिटल विभाजन बढ़ा सकता है, जिससे लोगों के बीच सामाजिक विभाजन बढ़ सकता है।
  8. अत्यधिक अवधिकरण: कंप्यूटर का बहुत अधिक उपयोग आदमी को अत्यधिक अवधिकृत कर सकता है, जिससे सामाजिक और पारिवारिक संबंधों में कमी आ सकती है।
  9. प्राइवेसी की हानि: ऑनलाइन गतिविधियों के माध्यम से व्यक्तिगत जानकारी की हानि हो सकती है और निजी जानकारी का इस्तेमाल गलत तरीके से हो सकता है।
  10. ताकत की अनधिकारी उपयोग: कंप्यूटर का अनधिकारी या निरंतर उपयोग व्यक्ति की ताकत को नकार सकता है और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को प्रभावित कर सकता है।

कंप्यूटर का भविष्य (Future of Computer In Hindi):

कंप्यूटर का भविष्य बहुत रोशनीमय है। यह और भी तेज, सुरक्षित और सक्रिय होगा। नए तकनीकी अद्यतन से, कंप्यूटर हमारे जीवन के हर क्षेत्र में और अधिक गहराई तक प्रवेश करेगा। मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों के विकास से, कंप्यूटर बुद्धिमत्ता में नए स्तर पर पहुंचेगा। यह हमारे जीवन को और भी सरल और सहज बनाने में मदद करेगा, साथ ही नए संभावनाओं का भी द्वार खोलेगा। तो दोस्तों जानने के लिए इस लेख कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai को पूरा पढ़ें

FAQ-

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो जानकारी को प्रोसेस करता है, डेटा को स्टोर करता है और उपयोगकर्ताओं को तकनीकी कार्यों में सहायता प्रदान करता है।
कंप्यूटर 0 और 1 के बिनरी भाषा में काम करता है, जिसे इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
कंप्यूटर विभिन्न आकार, ध्यान और उपयोग के आधार पर मुख्य रूप से डेस्कटॉप, लैपटॉप, टैबलेट, और सर्वर में आते हैं।
चार्ल्स बैबेज ने 19वीं सदी में कंप्यूटर की अवधारणा दी थी।
कंप्यूटर मात्रात्मक इलेक्ट्रॉनिक संयंत्र होता है जिसमें प्रोसेसर, मेमोरी, स्टोरेज, माउस, कीबोर्ड, मॉनिटर, और मदरबोर्ड जैसे पार्ट्स होते हैं।
रैम तत्वसंचय में दिनांक अस्थायी जानकारी स्टोर करती है, जबकि स्टोरेज दिनांक को स्थायी रूप से संग्रहित करता है।
ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर हार्डवेयर को संचालित करता है और सॉफ्टवेयर को प्रबंधित करता है।
वायरस इंटरनेट से आते हैं और वे अनचाहे सॉफ्टवेयर के रूप में कंप्यूटर में प्रवेश करते हैं। इन्हें ब्लॉक करने के लिए एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया जा सकता है।
सॉफ्टवेयर प्रोग्राम और ऐप्स को जलाने के लिए होता है, जबकि हार्डवेयर इन प्रोग्रामों को संचालित करता है।
कंप्यूटर नेटवर्क एक संगठित प्रणाली होती है जो डेटा और जानकारी को एक से दूसरे कंप्यूटर या डिवाइस के बीच संचारित करती है।
कंप्यूटर में प्रारंभिक युग, पहला जनरेशन, दूसरा जनरेशन, तृतीय जनरेशन, चौथा जनरेशन, और आज का युग महत्वपूर्ण हैं।
कंप्यूटर व्यापक रूप से शिक्षा, व्यावसायिक उपयोग, सरकारी कार्य, विज्ञान, आर्थिक सेक्टर, चिकित्सा आदि में उपयोग होता है।
भविष्य में कंप्यूटर और तकनीक और भी सुधारित होकर इसे और भी तेज, सुरक्षित और स्मार्ट बना सकता है।
लाभ: कंप्यूटर जीवन को सरल और तेज बनाता है, जैसे इंफोर्मेशन एक्सेस, कार्यों की सुविधा, और कॉर्पोरेट काम में मदद। हानियां: सुरक्षा की चुनौतियां और डेटा की संरक्षण में चुनौतियां।
कंप्यूटर शिक्षा छात्रों को तकनीकी ज्ञान और सही इंटरनेट उपयोग का ज्ञान देती है। यह उनकी शिक्षा में वृद्धि कर सकती है और उन्हें आगे की तकनीकी दुनिया के लिए तैयार कर सकती है।

आज अपने क्या सीखा –

दोस्तों इस लेख कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai से हमने आपको कंप्यूटर के बारे में विस्तृत जानकारी दी है जिसे पढने के बाद आप लोग समझ गए होंगे कि Computer Kya Hai और कंप्यूटर से समबन्धित बहुत सारी चीजों के बारे में आपको जानने को मिला होगा. दोस्तों यदी आपको यह लेख कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai पसंद आया है तो इस लेख को जरुरत मंद लोगो और अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे जिससे ये लिख कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai वो लोग भी पढ़ें और वो लोग भी जान पाए कि कंप्यूटर क्या है – Computer Kya Hai और दोस्तों ऐसी ही पोस्ट  “Instagram” पर पढ़ने के लिए आप हमें “Instagram” पर भी फॉलो कर सकते है हम आपको मिलते है किसी और कहानी में तब तक के लिए नमस्कार

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