बिरबल के रंग का राज / Rang Ka Raaj- hindi kahaniya 2023

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बिरबल के रंग का राज / Rang Ka Raaj- hindi kahaniya 2023

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रंग का राज/Rang Ka Raaj

रंग का राज/ Rang Ka Raaj-

एक समय की बात है, जब बादशाह अकबर के दरबार में एक अद्वितीय और मनोहर माहौल था। दरबार में उपस्थित दरबारी भगवान अपने आप में विशेष थे, जिनकी हर बात में अद्भुत भावनाएं छिपी होती थीं। एक दिन, दरबार में दीर्घकालिक सामंत बीरबल दरबार में देर से पहुंचे।

जैसे ही बीरबल दरबार में पहुंचे, बादशाह समेत सभी दरबारी उन पर हंसने लगे। उनके चेहरे पर ताजगी और तेजी थी, और वह बादशाह के सबसे विश्वसनीय और बुद्धिमान मंत्री थे। इसलिए बीरबल को बहुत अजीव लगा।

“बादशाह शालामत क्या हुआ, आप सभी हंस क्यों रहे हैं?” बीरबल ने उत्सुकता से पूछा।

बादशाह ने सुखी मुस्कान में लिपटे और बोले, “बीरबल, हम रंगों के वारे में बात कर रहे थे। सभी दरबारी गोरे हैं, और मैं भी स्वयं गोरा हूँ। लेकिन तुम सिर्फ वह व्यक्ति हो जो काला है। तुम्हारी आगमन से हम सभी की हंसी छूट गई।”

बीरबल ने हमेशा की तरह तपाक से जवाब दिया, “बादशाह, सलामत आप मेरे ‘रंग का राज/Rang Ka Raaj’ नहीं जानते।”

बादशाह अकबर की नजरें तेज हो गईं और उन्होंने उत्सुकता से पूछा, “कैसा ये ‘रंग का राज/Rang Ka Raaj’, बीरबल? सीधे-सीधे बताओ।”

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तब बीरबल ने जवाब दिया, “हुजुर, माफ़ करें। जब भगवान ने संसार बनाया तो वो पेड़-पौधे और पशु-पक्षी बनाकर सब संतुष्ट नहीं हुए। फिर उन्होंने मानव बनाया। वे उन्हें देखकर बहुत प्रसन्न हुए कि उन्होंने एक अद्वितीय कृति बनाई है। इसके बाद भगवान ने सभी मनुष्यों को पाँच मिनट का समय दिया और कहा कि वे बुद्धि, बल, और धन में से कुछ चुका सकते हैं। पर मैंने अपनी रूचि से समय बुद्धि में लगा दिया और बाकी चीजें छोड़ दीं। अब बाकी के लिए मैं क्या कहूँ, बादशाह जी, आप खुद ही समझ जाइए।”

बादशाह और दरबार के लोग बीरबल की इस अद्वितीय कथा से हैरान रह गए। बीरबल की हाजिरजवाबी ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था। दरबार में हँसी की वात्सल्य रौनक थी, और बादशाह खुद भी उनके विदुषा जवाबों का आनंद उठाने में लगे रहे।

बार-बार बीरबल ने सबको यह सिखाया कि व्यक्ति की मूल विशेषता उसके बाहरी रंग से नहीं, बल्कि उसके बुद्धिमत्ता, विवेक, और नैतिकता में छिपी होती है। उन्होंने दरबार को ‘रंग का राज/Rang Ka Raa’ समझाया और सभी को यह बात समझाई कि व्यक्ति की असली महत्वपूर्णता उसकी भौतिक रंग से नहीं, बल्कि उसकी आत्मा और उसके कर्मों में छिपी होती है।

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इस रूप में, बीरबल ने न केवल बादशाह के दरबार को बल्कि हर कोई को यह सिखाया कि सच्ची महिमा और महत्वपूर्णता उसके आत्मविश्वास, बुद्धिमत्ता, और नैतिकता में छिपी होती है।

इसके अलावा, कहानी रंगों के विषय पर खुदाई करने के बजाय मानवता के मूल्यों और गुणों की महत्वपूर्णता पर ध्यान केंद्रित करती है। यह हमें यह सिखाती है कि व्यक्ति की सार्वभौमिकता, समर्पण, और सजगता ही उसकी असली पहचान हैं, जो कि उसके बाहरी रंग से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं।

बीरबल ने दरबार को एक महत्वपूर्ण सिख दी और अपनी अद्वितीय बुद्धिमत्ता से एक बार फिर सबको आश्चर्यचकित कर दिया। उनकी कथा ने हमें यह याद दिलाया है कि व्यक्ति की महत्वपूर्णता उसके आत्मा और कार्यों में है, और बाहरी रूप उसके रंग से नहीं। बीरबल की समझदारी ने साबित किया कि हमारी सोच और दृष्टिकोण ही हमें असली महत्वपूर्णता का सही दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।

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